Musical Event 'Parampra' by Pracheen Kala Kendra

शास्त्रीय संगीत के सुरों ने बांधा समय, मन की गहराइयों तक उतरे राग 'जोग' व 'बिहाग'

Musical Event Parampra by PKK

प्राचीन कला केंद्र के समागम 'परंपरा' में विशेष सांगीतिक संध्या का आयोजन

चंडीगढ़: 28 नवंबर, 2022: Musical Event 'Parampara' by Pracheen Kala Kendra:  शहर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था (Cultural organisation) प्राचीन कला केन्द्र (Pracheen Kala kendra) द्वारा आज सैक्टर 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार (M. L. Koser Auditorium) में मासिक कड़ी 'परम्परा' के अगले संस्करण (Series) में केन्द्र के छात्रों (Students) द्वारा संगीत (Music) की विशेष संध्या का आयोजन किया गया। केन्द्र में कार्यरत संगीत शिक्षिका शिवानी अंगरीश (Professor Shivani Angreesh) के निर्देशन (Direction) में छात्रों ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन करके खूब तालियां बटोरी। इसमें 10 से 45 वर्ष तक के लगभग 40 कलाकारों ने भाग लिया।
 
छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत की मधुर प्रस्तुतियां

कुल नौ प्रस्तुतियों (Performances) से सजी परम्परा में सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत की गई। उपरांत राग 'मालकौंस' में निबद्ध एक रचना पेश की गई। इसके पश्चात कलाकारों के समूह द्वारा एक मधुर भजन

 पेश किया गया। इसके पश्चात कलाकारों द्वारा शुद्ध शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए  विद्यार्थियों द्वारा हिमाचली गाना पेश किया गया। इसके पश्चात राग 'जोग' पर आधारित बंदिश पेश की गई । उपरांत एक खूबसूरत भजन "नाच्यो बहुत गोपाल" प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंतिम भाग में राग 'बिहाग' से सजी बंदिश पेश की गई। कार्यक्रम का समापन एक सुंदर भजन "भजो रे भैया राम गोबिंद हरी" द्वारा किया गया।  

कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कौसर (Dr. Shobha Koser) ने कलाकारों  एवं गुरु शिवानी की भी प्रशंसा की। शास्त्रीय संगीत सीख रहे ये विद्यार्थी देश की खूबसूरत एवं विराट संस्कृति को प्रफुल्लित एवं प्रसारित करने में अपना योगदान दे रहे हैं, जोकि केंद्र द्वारा एक सराहनीय कदम है। भारतीय संगीत की ख़ूबसूरती को नयी पीढ़ी तक पहुँचाने में प्राचीन कला केंद्र की भूमिका एहम एवं प्रशंसनीय है।